ग्रामीण महिलाओं को अब बीमा में रोजगार: जानिए क्या है LIC की नई बीमा सखी योजना

 अब हर गांव में होगी बीमा की सखी – महिलाओं को मिलेगा रोजगार, गांव वालों को सुरक्षा!


केंद्र सरकार की बिमा सखी योजना के जरिए गांव की महिलाएं बनेंगी बीमा सलाहकार, जानिए कैसे मिलेगी आमदनी और समाज में पहचान


अब गांवों में भी बीमा की पहुंच आसान हो गई है, और इसकी वजह हैं – "बिमा सखी"।
केंद्र सरकार की एक खास योजना ‘बिमा सखी’ के तहत अब ग्रामीण महिलाओं को बीमा एजेंट की तरह ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि वे अपने गांव के लोगों को बीमा योजनाओं से जोड़ सकें। यह योजना महिलाओं को न सिर्फ आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है, बल्कि गांव के लोगों को जीवन सुरक्षा भी दे रही है।

क्या है बिमा सखी योजना?

बिमा सखी योजना भारत सरकार के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत चलाई जा रही एक अनोखी पहल है। इस योजना में महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) की सदस्यों को बीमा के बारे में प्रशिक्षण देकर उन्हें ‘बिमा सखी’ बनाया जाता है। ये महिलाएं गांव-गांव जाकर लोगों को बीमा योजनाओं की जानकारी देती हैं, पॉलिसी फॉर्म भरवाती हैं और ज़रूरत पड़ने पर क्लेम प्रोसेस में भी मदद करती हैं।


बिमा सखी कैसे काम करती हैं?

  • ग्रामीणों को PMJJBY (प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना) और PMSBY (प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना) के बारे में जागरूक करती हैं।
  • उन्हें बीमा कराने की प्रक्रिया समझाती हैं और ऑनलाइन/ऑफलाइन फॉर्म भरवाती हैं।
  • किसी आकस्मिक स्थिति में क्लेम फाइल करवाने में सहायता करती हैं।
  • हर सफल बीमा या क्लेम पर इन्हें ₹15 से ₹30 की राशि मिलती है।

योजना किन राज्यों में शुरू हुई है?

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, ओडिशा, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में यह योजना तेज़ी से बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश में तो अब हर गांव में एक ‘बिमा सखी’ नियुक्त की जा रही है। यह ग्रामीण वित्तीय समावेशन (financial inclusion) की दिशा में एक बड़ा कदम है।

बिमा सखी बनने के फायदे:

1. घर बैठे सम्मानजनक आमदनी: हर क्लेम पर कमाई का अवसर।


2. स्थानीय पहचान: गांव में ‘सखी’ की तरह सम्मान मिलता है।


3. सरकारी ट्रेनिंग: पूरी तरह से प्रशिक्षित बनाकर बीमा सेवाओं की जानकारी दी जाती है।


4. रोजगार का मौका: खासकर उन महिलाओं के लिए जो घर से बाहर नहीं जा सकतीं।


कैसे जुड़ें इस योजना से?

  • जो महिलाएं स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी हैं, वे जिला मिशन प्रबंधन इकाई (DMMU) या ग्राम संगठन से संपर्क करके नामांकन करा सकती हैं।
  • उन्हें निर्धारित केंद्रों पर बीमा संबंधी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • प्रशिक्षण के बाद वे ‘बिमा सखी’ के रूप में कार्य कर सकती हैं।

बिमा सखी योजना न सिर्फ महिलाओं को आर्थिक रूप से मज़बूत बना रही है, बल्कि गांव-गांव में बीमा सुरक्षा पहुंचाकर समाज को सशक्त बना रही है। यह योजना एक "महिला सशक्तिकरण" और "वित्तीय सुरक्षा" का मिलाजुला उदाहरण है। अगर आप एक महिला हैं और घर बैठे कुछ कमाना चाहती हैं, तो यह योजना आपके लिए सुनहरा मौका हो सकती है।


इस योजना की आधिकारिक जानकारी के लिए आप nabard.org या india.gov.in पर विज़िट कर सकते हैं।

सूत्रों की पुष्टि के अनुसार, LIC ने 21 जुलाई 2025 को Rural Development Ministry (MoRD) के साथ एक MoU पर हस्ताक्षर किए हैं ताकि ग्रामीण भारत में Bima Sakhi Yojana को तेजी से लागू किया जा सके।

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