आशा कार्यकर्ताओं को बड़ी सौगात: अब प्रति प्रसव ₹600, सरकार का मानदेय दोगुना करने का फैसला

 आशा कार्यकर्ताओं के लिए खुशखबरी: अब प्रति प्रसव ₹600 मिलेंगे – सरकार ने मानदेय किया दोगुना!


🔶 सरकार का बड़ा फैसला: स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ को मिला सम्मान

सरकार ने एक अहम और बहुप्रतीक्षित घोषणा करते हुए आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ा दिया है। अब प्रत्येक सुरक्षित प्रसव पर उन्हें ₹300 की जगह ₹600 दिए जाएंगे। यह फैसला लाखों आशा बहनों के लिए राहत लेकर आया है जो लंबे समय से अपनी मेहनत के अनुपात में उचित पारिश्रमिक की मांग कर रही थीं।



🔹 क्या है आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका?

ASHA (Accredited Social Health Activist) कार्यकर्ता ग्रामीण भारत की स्वास्थ्य सेवाओं की नींव मानी जाती हैं। ये महिलाएं गांवों में:

  • गर्भवती महिलाओं की देखभाल
  • संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना
  • नवजात शिशु की देखरेख
  • टीकाकरण और परिवार नियोजन जैसे अनेक कामों में सक्रिय रहती हैं।

🔹 नई घोषणा से क्या मिलेगा फायदा?

➡️ प्रति प्रसव ₹600 का भुगतान: पहले सिर्फ ₹300 मिलते थे, अब यह राशि दोगुनी कर दी गई है।

➡️ सीधा DBT भुगतान: राशि सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।

➡️ स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगा बल: इससे ग्रामीण क्षेत्रों में संस्थागत प्रसव और स्वास्थ्य सुविधा में सुधार होगा।


🔹 चुनावी साल में सरकार की सामाजिक पहल

इस फैसले को चुनावी वर्ष की बड़ी घोषणा माना जा रहा है। लंबे समय से प्रदर्शन और मांगों के बाद यह निर्णय आया है, जिससे स्वास्थ्य मंत्रालय की छवि मजबूत होने के साथ-साथ महिलाओं के योगदान को मान्यता भी मिली है।


 क्या बोले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी?

स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार –

"यह कदम ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा को मजबूती देगा और आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका को और सशक्त बनाएगा।"


 सरकारी लिंक और जानकारी के स्रोत:

यदि आप एक आशा कार्यकर्ता हैं या इस योजना से संबंधित और जानकारी चाहते हैं, तो आप स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर विज़िट करें या अपने ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी से संपर्क करें।

सरकार का यह कदम न सिर्फ आर्थिक राहत है, बल्कि आशा बहनों के जज़्बे और मेहनत को पहचान देने वाला भी है। यह स्वास्थ्य क्षेत्र में एक सकारात्मक संकेत है कि ज़मीनी स्तर पर कार्य कर रही महिलाओं को अब उनका हक़ मिल रहा है।


📌 ऐसी ही योजनाओं की जानकारी के लिए हमें फॉलो करें और कमेंट में बताएं कि आप इस नीति को कैसे देखते हैं।


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