Assam’s Nijut Moina 2.0: ₹1,000–₹2,500 मासिक सहायता से 4 लाख बेटियों का भविष्य सुदृढ़

 Nijut Moina 2.0 : शिक्षा के माध्यम से बच्चा विवाह पर रोक, चार लाख छात्राओं की आर्थिक सहायता


योजना का उद्देश्य और विस्तृत कवरेज

Nijut Moina 2.0, असम सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका लक्ष्य बाल विवाह को समाप्त करना और बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देना है। इस वर्ष इसके तहत 4 लाख से अधिक छात्राओं (Higher Secondary, Undergraduate, Postgraduate व B.Ed लेवल तक) को आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह योजना पिछले संस्करण की तुलना में अधिक व्यापक है, जहां मात्र 1.6 लाख छात्राओं को सहायता मिलती थी। 


किसे और किस स्तर पर मिलता है कितना लाभ

शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर छात्राओं को मासिक रूप से निम्नलिखित राशि मिलती है:

  • Higher Secondary (HS): ₹1,000 (10 महीने)
  • Undergraduate (UG): ₹1,250 (10 महीने)
  • Postgraduate (PG) और B.Ed: ₹2,500 (10 महीने)

यह राशि DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे छात्राओं के बैंक खाते में जमा की जाएगी। 


प्रस्तावना और योजना का शुभारंभ

इस योजना का औपचारिक शुभारंभ मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा द्वारा गुवाहाटी विश्वविद्यालय में किया गया, साथ ही राज्यव्यापी आवेदन फॉर्म वितरण भी 6 अगस्त, 2025 से शुरू हो गया। राज्य के विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, तथा केंद्रीय विश्वविद्यालयों तक कवरेज बढ़ाया गया है, जिनमें अब तेजपुर विश्वविद्यालय और असम विश्वविद्यालय भी शामिल हैं।


सामाजिक परिवर्तन और 2026 का लक्ष्य

सरकार का उद्देश्य 2026 तक असम में बच्चा विवाह को पूर्णतः समाप्त करना है। योजना न केवल आर्थिक सहयोग प्रदान करती है, बल्कि यह छात्राओं को पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सामाजिक विभेद को समाप्त करने और शैक्षिक अवसरों को समान रूप से वितरित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।


पात्रता व अपवाद

हालांकि योजना काफी व्यापक है, कुछ वर्गों को इससे बाहर रखा गया है:

  • विवाहित छात्राएं (सिवाय PG और B.Ed स्टूडेंट्स के)
  • मंत्री, सांसद या विधायक की बेटियां
  • सेवा में B.Ed छात्राएं जो ड्यूटी पर हैं
  • जिनके पास पहले से कोई Scooty पुरस्कार या इससे समकक्ष सुविधा है

यह ध्यान रखते हुए, अधिकतम वर्गों को इक्विटेबल सहायता देने का प्रयास किया गया है।


लंबी अवधि की दृष्टि और कार्यक्रम की स्थिरता

Nijut Moina योजना सिर्फ एक आर्थिक सहायता प्रोग्राम नहीं, बल्कि एक दीर्घकालिक सामाजिक परिवर्तन की दिशा में उठाया गया कदम है। सरकार का लक्ष्य भविष्य में इसमें 10 लाख बेटियों को शामिल करना है ताकि पूरे राज्य में शिक्षा के साथ आर्थिक, सामाजिक और मानसिक तौर पर सशक्त महिलाएं तैयार हो सकें। यह प्रस्ताव धीरे-धीरे पूरे कार्यक्रम का दायरा बढ़ाने की योजना का हिस्सा है।


सार्वजनिक और प्रशासनिक समर्थन

इस योजना को जारी रखने के लिए शिक्षा विभाग, जिला प्रशासन और विश्वविद्यालय स्तर पर व्यापक तैयारी की गई है। अंतिम वर्ष की UG छात्राओं को अगले चरण में कवर करने की तैयारी है, जिससे सभी उम्र वर्ग की छात्राएं योजना का लाभ उठा सकें। यह दिखाता है कि राज्य सरकार किस तरह से शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए एक निष्चित नीति पर कार्य कर रही है।


आधिकारिक गाइडलाइन लिंक:

आप इस असम सरकार (Higher Education विभाग) की वेबसाइट पर उपलब्ध "Final Guideline for Nijut Moina Scheme 2024‑25" दस्तावेज़ को देख सकते हैं, जो योजनात्मक निर्देशों का आधिकारिक स्रोत है:

[Final Guideline for Nijut Moina Scheme 2024‑25]

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FAQs 

❓ Nijut Moina 2.0 योजना क्या है?

उत्तर: Nijut Moina 2.0 असम सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है, जिसका उद्देश्य बाल विवाह को रोकना और बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके तहत छात्राओं को आर्थिक सहायता दी जाती है।


❓ इस योजना के तहत कितनी राशि मिलती है?

उत्तर:

  • Higher Secondary (HS): ₹1,000 प्रति माह
  • Undergraduate (UG): ₹1,250 प्रति माह
  • Postgraduate (PG) और B.Ed: ₹2,500 प्रति माह
  • राशि DBT के माध्यम से सीधे बैंक खाते में जाती है।


❓ इस योजना के लिए आवेदन कब से शुरू हुआ है?

उत्तर: 6 अगस्त 2025 से राज्य स्तर पर आवेदन फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं।


❓ कौन-कौन इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं?

उत्तर

  • विवाहित छात्राएं (सिवाय PG और B.Ed की)
  • मंत्री, विधायक, सांसद की बेटियां
  • सरकारी सेवा में कार्यरत B.Ed छात्राएं
  • जिन्हें पहले से स्कूटी या समकक्ष सुविधा मिली है


❓ योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर: बच्चा विवाह को रोकना, बालिकाओं को उच्च शिक्षा तक पहुँचाना और असम में महिलाओं को सामाजिक व आर्थिक रूप से सशक्त बनाना।


योजना से कितनी छात्राओं को लाभ मिलेगा?

उत्तर: वर्तमान में 4 लाख छात्राएं लाभान्वित होंगी, और सरकार का लक्ष्य भविष्य में इस संख्या को 10 लाख तक पहुँचाना है।

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