भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन का सफल परीक्षण 2025: बिना प्रदूषण दौड़ेगी 1,200 HP की सुपर ट्रेन

भारत में पहली बार हाइड्रोजन ट्रेन का ट्रायल सफल — अब चलेगी बिना धुआं, बिना प्रदूषण की ट्रेन!


क्या है हाइड्रोजन ट्रेन योजना?

भारत सरकार और रेलवे मंत्रालय ने जुलाई 2025 में हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन का पहला सफल परीक्षण चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में किया है। यह ट्रेन डीजल की जगह हरित (ग्रीन) ईंधन यानी हाइड्रोजन से चलेगी, जिससे न केवल प्रदूषण घटेगा बल्कि रेलवे का ईंधन खर्च भी कम होगा।














इस पहल को ‘Hydrogen for Heritage’ और ‘Hydrogen for Railways’ मिशन के अंतर्गत आगे बढ़ाया जा रहा है। यह योजना भारत के हरित ऊर्जा की दिशा में उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम है।


ट्रेन की खास बातें

  • 1,200 हॉर्सपावर की क्षमता — दुनिया की सबसे ताकतवर हाइड्रोजन ट्रेन
  • केवल हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से ऊर्जा उत्पन्न — कोई धुआं नहीं, केवल पानी उत्सर्जन
  • हेरिटेज और छोटी दूरी की रूट्स पर पहले प्रयोग (जैसे: जिंद-सोनीपत रूट, हरियाणा)
  • भविष्य में कालका-शिमला, दार्जिलिंग जैसी हेरिटेज ट्रेनों में उपयोग की संभावना
  • पूरी ट्रेन भारत में बनी है — 'मेक इन इंडिया' का आदर्श उदाहरण

कब और कहां हुआ ट्रायल?

जुलाई 2025 में, चेन्नई की ICF फैक्ट्री में भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन का कोच और इंजन तैयार कर पहला ट्रायल सफल किया गया। इससे पहले मार्च 2025 तक इसके प्रोटोटाइप को पूरी तरह तैयार कर लिया गया था।


क्यों खास है यह योजना?

  • पर्यावरण के लिए वरदान – शून्य कार्बन उत्सर्जन
  • स्वदेशी तकनीक पर आधारित
  • रेलवे को डीजल से छुटकारा और हरित ऊर्जा में अग्रसरता
  • भविष्य में पर्यटन और पर्यावरण दोनों क्षेत्रों में लाभ

सरकार का निवेश और लक्ष्य

भारत सरकार ने 2024-25 के बजट में इस योजना के लिए ₹2,800 करोड़ से अधिक का बजट आवंटित किया है। इसका उपयोग 35 हाइड्रोजन ट्रेन सेट्स बनाने और प्रत्येक ट्रेन के रूट पर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में किया जाएगा।

योजना से जुड़ी चुनौतियाँ

  • हाइड्रोजन ईंधन स्टेशनों की स्थापना
  • इंजन और फ्यूल सेल की सुरक्षा
  • रूट चयन और ट्रैक इंफ्रास्ट्रक्चर का अपडेट

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FAQs: हाइड्रोजन ट्रेन योजना 2025 (Frequently Asked Questions)

 Q1. भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन कब शुरू हुई?

जवाब: जुलाई 2025 में चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में पहली हाइड्रोजन ट्रेन का सफल ट्रायल किया गया।

 Q2. यह ट्रेन किस ईंधन से चलेगी?

जवाब: यह ट्रेन डीजल की जगह 100% हरित ईंधन यानी हाइड्रोजन गैस से चलेगी, जिससे केवल पानी का उत्सर्जन होगा — प्रदूषण बिल्कुल नहीं।

Q3. हाइड्रोजन ट्रेन पहले किस रूट पर चलेगी?

जवाब: शुरुआत में इसे हरियाणा के जिंद-सोनीपत रूट पर चलाया जाएगा। बाद में कालका-शिमला और दार्जिलिंग जैसे हेरिटेज रूट्स पर भी चलाया जा सकता है।

 Q4. क्या यह ट्रेन भारत में ही बनी है?

जवाब: हां, यह पूरी तरह से ICF चेन्नई में बनी है — ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का बेहतरीन उदाहरण।

Q5. इस योजना के लिए सरकार ने कितना बजट रखा है?

जवाब: भारत सरकार ने 2024–25 के बजट में ₹2,800 करोड़ का प्रावधान किया है। इससे 35 हाइड्रोजन ट्रेन सेट्स तैयार किए जाएंगे।

Q6. हाइड्रोजन ट्रेन पर्यावरण के लिए क्यों फायदेमंद है?

जवाब: क्योंकि यह ट्रेन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित नहीं करती, सिर्फ पानी छोड़ती है। इससे वायु प्रदूषण में भारी कमी आएगी।

 Q7. क्या यह ट्रेन आम यात्रियों के लिए भी चलेगी?

जवाब: शुरुआत में इसे हेरिटेज और छोटी दूरी के रूट्स पर चलाया जाएगा, जहां आम यात्री भी सफर कर सकेंगे।

 Q8. भविष्य में कौन-कौन से रूट्स इस योजना में शामिल हो सकते हैं?

जवाब: रेलवे का लक्ष्य है कि भविष्य में हेरिटेज रूट्स जैसे कालका-शिमला, दार्जिलिंग और अन्य पर्यटन स्थलों पर भी इस तकनीक को लागू किया जाए।



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