PM Janman Yojana 2025: 58,000 आदिवासी बस्तियों में 2.62 लाख लोगों को मिली नागरिक सेवाएं और बुनियादी सुविधाएं
PM Janman Yojana का उद्देश्य और लाभार्थी कवरेज
PM Janman Yojana भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका लक्ष्य है देश के आदिवासी समुदायों को नागरिक सेवाओं, आधारभूत संरचना, और सरकारी कल्याण योजनाओं से जोड़ना।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 58,000 आदिवासी बस्तियों में रहने वाले 2.62 लाख लोगों को इस योजना से लाभ हुआ है। यह योजना खास तौर पर Saharia, Baiga और Bharia जनजातियों पर केंद्रित है।
PM Janman Yojana के तहत मिली प्रमुख सेवाएं
इस योजना के तहत आदिवासी परिवारों को कई तरह की सरकारी सेवाओं और दस्तावेज़ों से जोड़ा गया:
- आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान भारत कार्ड, जाति प्रमाण पत्र।
- बैंक खाते – ताकि लाभार्थी सीधे सरकारी सब्सिडी और योजनाओं का लाभ ले सकें।
- PM Kisan Samman Nidhi – किसानों को प्रतिवर्ष ₹6,000 की आर्थिक सहायता।
बुनियादी अवसंरचना में बड़ा बदलाव
PM Janman Yojana से जुड़ी आधारभूत सुविधाओं ने आदिवासी बस्तियों का जीवन स्तर बदलना शुरू कर दिया है:
- PM Awas Yojana (Urban & Gramin) के तहत हजारों पक्के मकान।
- PM Gram Sadak Yojana से 2,265+ किलोमीटर सड़क निर्माण।
- पेयजल सुविधा, स्वास्थ्य केंद्र, आंगनवाड़ी केंद्र, 4G इंटरनेट कनेक्टिविटी, और Van Dhan Vikas Kendras का निर्माण।
स्वास्थ्य, शिक्षा और बिजली सुविधा
- मेडिकल मोबाइल यूनिट्स (MMUs) द्वारा 4 लाख से अधिक मरीजों का इलाज, जिसमें सिकल सेल और TB जैसी बीमारियों की जांच शामिल।
- 24,800 घरों में बिजली की आपूर्ति।
- ऑनलाइन शिक्षा, आंगनवाड़ी सेवाएं, और डिजिटल कनेक्टिविटी से बच्चों और युवाओं को फायदा।
राज्य और केंद्र का समन्वय
इस योजना के सफल क्रियान्वयन का श्रेय केंद्र और राज्य सरकार के बेहतर सहयोग को जाता है। यह सिर्फ एक विकास परियोजना नहीं, बल्कि डिजिटल और सामाजिक समावेशन का उदाहरण है।
FAQs – PM Janman Yojana
Q1: PM Janman Yojana का मुख्य उद्देश्य क्या है?
A: आदिवासी समुदायों को नागरिक सेवाओं, सरकारी योजनाओं और बुनियादी सुविधाओं से जोड़ना।
Q2: योजना के तहत कितने लोगों को फायदा हुआ है?
A: लगभग 2.62 लाख लोगों को, जो 58,000 बस्तियों में रहते हैं।
Q3: किन सेवाओं का लाभ मिला?
A: आधार कार्ड, बैंक खाता, स्वास्थ्य बीमा, आवास, सड़क, बिजली और शिक्षा जैसी सुविधाएं।
Q4: किन राज्यों में लागू है?
A: मुख्य रूप से मध्य प्रदेश और अन्य आदिवासी बहुल क्षेत्रों में।