PM किसान संपदा योजना 2025: ₹6,520 करोड़ की बड़ी मंजूरी

 PM किसान संपदा योजना 2025: किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने मंजूर किया ₹6,520 करोड़ का बजट



कैबिनेट ने FY2026 तक के लिए दी मंजूरी, इस योजना के जरिए खेती से जुड़े उद्योगों में निवेश और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा।

प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) को भारत सरकार ने साल 2017 में शुरू किया था ताकि कृषि आधारित उद्योगों को संगठित किया जा सके और किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिल सके। अब 2025 में, केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए ₹6,520 करोड़ की राशि स्वीकृत की है, जो वित्तीय वर्ष 2026 तक खर्च की जाएगी। इस निर्णय से किसानों, उद्यमियों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है।


क्या है प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY)?

प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना एक समेकित योजना है जिसमें कई सब-स्कीमें शामिल हैं। इसका उद्देश्य कृषि उत्पादों की बर्बादी को कम करना, मूल्यवर्धन को बढ़ावा देना और प्रोसेसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना है। यह किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम दिलाने और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को सहायता देने में सहायक है।


नई मंजूरी से क्या बदलेगा?

केंद्रीय कैबिनेट द्वारा हाल ही में ₹6,520 करोड़ का बजटीय प्रावधान किया गया है, जिससे निम्नलिखित बदलाव होंगे:

✅ खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को सब्सिडी मिलेगी

✅ ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन होगा

✅ भंडारण, कोल्ड चेन और फूड पैकेजिंग सिस्टम मजबूत होंगे

✅ कृषि उत्पादों की लॉजिस्टिक सुविधाएं बढ़ेंगी

✅ निर्यात को मिलेगा बढ़ावा


योजना के अंतर्गत कौन-कौन सी स्कीमें आती हैं?

1. मेगा फूड पार्क स्कीम

2. कोल्ड चेन योजना

3. क्रिएशन/एक्सपेंशन ऑफ फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स

4. ऑपरेशनलाइजेशन ऑफ फूड प्रोसेसिंग इन एग्रो क्लस्टर्स

5. फूड सेफ्टी एंड क्वालिटी एश्योरेंस इंफ्रास्ट्रक्चर स्कीम

6. फॉरवर्ड एंड बैकवर्ड लिंकज स्कीम


इस योजना से किसानों को क्या फायदा होगा?

कमाई में बढ़ोतरी: जब फसलें सीधे उद्योगों तक पहुंचेंगी, तो किसानों को बिचौलियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

स्थायी रोज़गार: गांवों में ही रोजगार मिलेगा, जिससे पलायन रुकेगा।

पैदावार का मूल्य संवर्धन: फलों और सब्जियों को प्रोसेस कर उत्पाद जैसे जूस, जैम, प्यूरी बनेंगे जो ज़्यादा मुनाफ़ा देंगे।

बर्बादी में कमी: बेहतर स्टोरेज और कोल्ड चेन के जरिए जल्दी खराब होने वाले उत्पादों को समय पर मार्केट में पहुंचाया जा सकेगा।

सरकार का लक्ष्य क्या है?

सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के ज़रिए 15 लाख रोजगार पैदा किए जाएं और 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में आकर्षित किया जाए। इसके साथ ही किसानों की आय को दोगुना करना भी इस योजना का दीर्घकालिक उद्देश्य है।

PM किसान संपदा योजना खेती और खाद्य उद्योग के बीच एक पुल का काम करती है। सरकार की ओर से ₹6,520 करोड़ की स्वीकृति यह संकेत देती है कि अब किसानों को बेहतर दाम, ग्रामीण युवाओं को रोजगार और देश को फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम मिलने वाला है।


 FAQs

Q1. पीएम किसान संपदा योजना किस मंत्रालय के तहत आती है?

Ans: यह योजना भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) के अंतर्गत आती है।

Q2. इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?

Ans: कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग, बर्बादी की रोकथाम, और किसानों की आय में वृद्धि करना।

Q3. किसान सीधे इस योजना का लाभ कैसे ले सकते हैं?

Ans: किसान स्वयं या फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (FPO) के माध्यम से फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स स्थापित कर सकते हैं और सब्सिडी ले सकते हैं।

Q4. इस योजना के अंतर्गत क्या रोजगार के अवसर हैं?

Ans: हां, फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स, कोल्ड स्टोरेज और लॉजिस्टिक कंपनियों में लाखों नए रोजगार उत्पन्न होंगे।


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