बाजरा भावांतर भरपाई योजना 2025 | ₹600 प्रति क्विंटल सहायता

बाजरा भावांतर भरपाई योजना 2025: किसानों को ₹600 प्रति क्विंटल तक की भरपाई, चाहे फसल बेची हो या नहीं



हरियाणा सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए बाजरा भावांतर भरपाई योजना में बड़ा बदलाव किया है। अब किसानों को ₹600 प्रति क्विंटल की दर से आर्थिक सहायता दी जाएगी, चाहे उन्होंने बाजरा बाज़ार में बेचा हो या नहीं। यह निर्णय खरीफ 2025 सीजन के लिए लिया गया है और इसका उद्देश्य बाजरा उत्पादकों को बाज़ार मूल्य में गिरावट से बचाना है।


 योजना का उद्देश्य

- बाजरा उत्पादकों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम कीमत मिलने पर भरपाई देना  

- किसानों को फसल बेचने की बाध्यता से मुक्त करना  

- हरियाणा में बाजरा उत्पादन को स्थायित्व और सुरक्षा देना  

- भावांतर भरपाई के माध्यम से किसानों की आय में स्थिरता लाना


 पात्रता की शर्तें

- किसान का नाम "मेरी फसल मेरा ब्यौरा" पोर्टल पर पंजीकृत होना चाहिए  

- बाजरा की फसल खरीफ 2025 में पंजीकृत होनी चाहिए  

- किसान का बैंक खाता आधार से लिंक होना चाहिए  

- फसल की जानकारी जमाबंदी रिकॉर्ड से मेल खानी चाहिए  

- बाजरा बेचना अनिवार्य नहीं है—पंजीकरण ही पर्याप्त है


 आर्थिक सहायता का विवरण

- सरकार ₹600 प्रति क्विंटल की दर से भावांतर भरपाई राशि देगी  

- यह राशि सीधे DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से किसानों के खाते में भेजी जाएगी  

- बाजरा बेचने की आवश्यकता नहीं—पंजीकरण के आधार पर ही भुगतान होगा  

- यह सहायता MSP और बाज़ार मूल्य के अंतर को कवर करने के लिए दी जाती है


 महत्वपूर्ण तिथियाँ

- बाजरा और कपास जैसी खरीफ फसलों का पंजीकरण बंद हो चुका है  

- गेहूं और सरसों जैसी रबी फसलों का पंजीकरण 1 अक्टूबर 2025 से शुरू होगा  

- बाजरे की खरीद प्रक्रिया 1 तारीख से शुरू की जा सकती है (राज्य द्वारा निर्धारित)


 आवेदन प्रक्रिया

- किसान मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर जाकर पंजीकरण करें  

- फसल का विवरण, भूमि रिकॉर्ड, बैंक खाता और आधार नंबर दर्ज करें  

- पंजीकरण के बाद SMS द्वारा पुष्टि प्राप्त होगी  

- भावांतर भरपाई की राशि खरीफ सीजन के अंत में जारी की जाएगी


 योजना का प्रभाव

- अनुमानित रूप से 1.2 लाख से अधिक बाजरा उत्पादक किसान लाभान्वित होंगे  

- ₹600 प्रति क्विंटल की दर से सरकार पर ₹150 करोड़ से अधिक का व्यय अनुमानित  

- किसानों को बाज़ार मूल्य की चिंता किए बिना फसल उत्पादन का प्रोत्साहन मिलेगा  

- योजना से छोटे और सीमांत किसानों को विशेष लाभ मिलेगा


 निष्कर्ष

बाजरा भावांतर भरपाई योजना 2025 किसानों के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह है। यह योजना न केवल बाज़ार मूल्य की अनिश्चितता से बचाती है, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर और स्थिर आय की ओर ले जाती है। हरियाणा सरकार का यह कदम कृषि क्षेत्र में विश्वास और स्थायित्व को बढ़ावा देगा।




FAQs 


❓ बाजरा भावांतर भरपाई योजना क्या है?

उत्तर: यह हरियाणा सरकार की एक योजना है जिसमें किसानों को बाजरा बेचने की आवश्यकता नहीं है, फिर भी ₹600 प्रति क्विंटल की दर से आर्थिक सहायता दी जाती है।


❓ क्या बाजरा बेचना जरूरी है इस योजना का लाभ पाने के लिए?

उत्तर: नहीं, इस योजना में केवल मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करना ही पर्याप्त है। फसल बेचना अनिवार्य नहीं है।


❓ योजना के तहत कितनी राशि मिलेगी?

उत्तर: ₹600 प्रति क्विंटल की दर से भावांतर भरपाई राशि दी जाएगी, जो सीधे किसानों के बैंक खाते में DBT के माध्यम से भेजी जाएगी।


❓ कौन-कौन से किसान इस योजना के लिए पात्र हैं?

उत्तर: वे किसान जिन्होंने खरीफ 2025 में बाजरा की फसल का पंजीकरण किया है और जिनका भूमि रिकॉर्ड, आधार और बैंक खाता सत्यापित है।


❓ रबी फसलों का पंजीकरण कब शुरू होगा?

उत्तर: गेहूं और सरसों जैसी रबी फसलों का पंजीकरण 1 अक्टूबर 2025 से शुरू होगा।


❓ योजना का लाभ कैसे मिलेगा?

उत्तर: पंजीकरण के बाद सरकार द्वारा निर्धारित समय पर भावांतर भरपाई की राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाएगी, भले ही किसान ने बाजरा बाज़ार में बेचा हो या नहीं।



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.